Navprabhat by Maniprabh

जब मन एक नए पुष्प की भाँती खिला हो, तो रात के अँधेरे में भी नवप्रभात का आगमन होता है। जब मैं एकांत का अनुभव करता हूँ तो भावों के प्रवाह की शब्दों से प्रस्तुति हो जाती हैं... --उपाध्याय मणिप्रभसागरजी म. सा.

शनिवार, 2 अगस्त 2014

NAVPRABHAT

maniprabh

Maniprabh. JAHAJMANDIR पर 4:37 am
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-उपाध्याय मणिप्रभसागरजी म. सा.

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